प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है
Friday, November 21, 2014
21 November 2014.World TV day
एक पहेली / दीनदयाल शर्मा
फ़िल्में, गीत, ख़बर और नाटक
रोज़ हमें दिखलाता ।
सीसे का छोटा सा बक्सा,
बोलो क्या कहलाता ?
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