प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है
Sunday, July 5, 2015
ऋतुप्रिया की कविताओं का अनुवाद
केन्द्रीय साहित्य अकादेमी से युवा पुरस्कार के लिए चयनित ऋतुप्रिया की पुस्तक "सपनां संजोवती हीरां" की दो राजस्थानी कविताओं का हिन्दी अनुवाद डॉ मदन गोपाल लढा द्वारा किया गया।
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